एक स्त्री ...........

कोई याद मुझको आया बहोत है,
सुकून मे दिल को गवाया बहोत है,
मै वाकिफ हूं हकीकत से तेरी,
तुझे ज़िन्दगी ने रूलाया बहोत है,
ख़ुशी और भी है ज़माने में लेकिन ,
तेरी भावनाओ ने मुझको भाया बहोत है,
ज़माने के लिए सबब ये है सिर्फ ,
ज़माने ने तुझको जलाया बहोत है,
कोई भी गम हो पर करता नही असर ,
ऑरो के गम को तुने उठाया बहोत है,
कभी खुश जो तेरा दिल होना चाहा ,
दुनिया ने तुझको फिर से सताया बहोत है.
3 Comments:
bahut..................................hai.
ACHCHI.
RACHNA.
aapne bahut sundar rachana likhi hai ....bhaav ji uthe hai .. aap bahut aachha likhati hai ..
itni acchi rachna ke liye badhai ..............
meri nayi poem padhiyenga ...
http://poemsofvijay.blogspot.com
Regards,
Vijay
bahut hi sunder kavita hai........
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